भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को जल्द कराएं एम्स में भर्ती, वरना जा सकती है जान'

राजधानी दिल्ली (Delhi) के दरियागंज में हिंसा के आरोप में जेल में बंद भीम आर्मी (Bhim Army) के चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrasekhar Azad) को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं. चंद्रशेखर के डॉक्टर हरजित सिंह भट्टी ने ट्वीट करके यह जानकारी दी. चंद्रशेखर को दरियागंज में हुई हिंसा मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया था. भट्टी ने शुक्रवार रात को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से चंद्रशेखर को एम्स में भर्ती कराने की अनुमति देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जल्द उचित इलाज नहीं मिलने पर चंद्रशेखर की हृदय गति भी रुक सकती है.


चंद्रशेखर के डॉक्टर हरजित सिंह भट्टी ने इस संबंध में कई ट्वीट किए हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि आजाद की इस बीमारी का इलाज पिछले एक साल से जारी है, जिसमें उन्हें हर सप्ताह दो बार फ्लेबोटॉमी (एक विशेष प्रकार की जांच) की जरूरत होती है.


मरीज की हालत जानने में मदद करती है ये जांच


फ्लेबोटॉमी (Phlebotomy) को वेनीपंक्चर (Venipuncture) के नाम से भी जाना जाता है. इसमें चिकित्सकीय विश्लेषण और निदान के लिए एक नमूना लिया जाता है, जिसके लिए रक्त संचार प्रणाली में कट (चीरा) या पंचर करके खून का नमूना लिया जाता है. इसका कुछ रक्त विकारों (Blood Disorders) के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है. माना जाता है कि मरीज के मेडिकल परिस्थितियों को जानने में यह काफी मदद करता है.


एक साल से जारी है इलाज


अपनी ट्वीट में उन्होंने कहा, 'वे (आजाद) ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें एम्स के हेमेटोलॉजी विभाग में सप्ताह में 2 बार फ्लेबोटॉमी की जांच करानी पड़ती है. यहां उनका पिछले एक साल से इलाज जारी है. अगर यह नहीं होता है तो इस परिस्थिति में उनका खून गाढ़ा हो सकता है, जिस कारण उन्हें हृदय गति रुकने या आधात (Stroke) की समस्या हो सकती है. उन्होंने अपने ट्वीट में साथ ही कहा, 'मुझे बताया गया कि चंद्रशेखर भाई ने तिहाड़ जेल में दिल्ली पुलिस को लगातार अपनी इस समस्या के बारे में बताया, लेकिन इसके बावजूद पुलिस अधिकारी उन्हें एम्स जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.'


अनुमति नहीं मिलना है मानवाधिकार का उल्लंघन


भट्टी ने इलाज कराने की अनुमति नहीं मिलने को मानवाधिकार का उल्लंघन भी बताया है. इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस से एम्स में उनके इलाज की अनुमति देने की मांग की है.


दरियागंज हिंसा के बाद न्यायिक हिरासत में हैं आजाद


आपको बता दें कि आजाद को दरियागंज हिंसा के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. वहीं दिल्ली की अदालत ने 21 दिसंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके अलावा अदालत ने 15 अन्य अभियुक्तों को 2 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.


एनआरसी के विरोध में हो रहा था प्रदर्शन


दरियागंज में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर दर्ज एफआईआर में किसी का भी नाम बतौर अभियुक्त दर्ज नहीं है. एफआईआर में कहा गया है कि दिल्ली गेट पर मौजूद भीड़ को बैरीकेड पर रोकने और लाउडस्पीकर के जरिये लोगों को वहां से जाने के लिए कहा गया. इस दौरान मस्जिद से भी इस तरह का निर्देश दिया गया. एफआईआर में कहा गया कि वहां मौजूद भीड़ प्रस्तावित एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुई थी, जो प्रदर्शन करने के लिए जंतर-मंतर जाना चाहती थी.


प्रदर्शन के लिए नहीं ली गई थी अनुमति


एफआईआर के अनुसार, यह प्रदर्शन पूरी तरह गैरकानूनी था, जिसके लिए पुलिस से किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी. इस दौरान वहां मौजूद भीड़ में से कई लोगों ने वहां से लौटना शुरू कर दिया. इस दौरान लगभग 4 हजार से 5 हजार लोगों की भीड़ शुक्रवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से आने की जानकारी मिली, लेकिन दरियागंज स्थित डीसीपी कार्यालय के बाहर यह संख्या 8 हजार से 10 हजार तक हो गई.